कोरोनावायरस (Coronavirus) के संक्रमण को बढ़ते हुए मामलों को ध्यान में रखकर गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने मुख्यमंत्रियों से बात करने के बाद शुक्रवार को PM मोदी से लॉकडाउन (Lockdown) की रणनीति पर चर्चा की.
नई दिल्ली: कोरोनावायरस (Coronavirus) के संक्रमण को बढ़ते हुए मामलों को ध्यान में रखकर गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने मुख्यमंत्रियों से बात करने के बाद शुक्रवार को PM मोदी से लॉकडाउन (Lockdown) की रणनीति पर चर्चा की. गुरुवार को ही गृह मंत्री अमित शाह ने सभी मुख्यमंत्रियों से बात कर उनकी राय ली थी. इस महीने के अंत में 31 मई को लॉकडाउन का चौथा चरण खत्म हो रहा है. गोवा के सीएम ने अमित शाह से बातचीत के बाद कहा कि दो हफ्ते और लॉकडाउन बढ़ सकता है.
बता दें कि देश में जारी कोरोना संकट (Coronavirus) के बीच गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने गुरुवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से लॉकडाउन को लेकर बातचीत की. लॉकडाउन-4 खत्म होने से पहले ही गृह मंत्री ने मुख्यमंत्रियों से इसे लेकर राय ली. इस दौरान आगे की रणनीति को लेकर भी चर्चा हुई. कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन सबसे पहले 25 मार्च को लगाया था और इसके बाद इसे तीन बार बढ़ाया जा चुका है. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘गृह मंत्री ने सभी मुख्यमंत्रियों से बातचीत की और लॉकडाउन को 31 मई के बाद बढ़ाए जाने पर उनके विचार जाने.’
मुख्यमंत्रियों के साथ अपनी बातचीत के दौरान शाह ने राज्यों के चिंताजनक स्थिति वाले क्षेत्रों के बारे में उनके विचार जाने और एक जून के बाद किन क्षेत्रों को खोलना चाहते हैं, इस बारे में भी उनसे राय ली गई. दिलचस्प है कि अभी तक हर चरण में लॉकडाउन बढ़ाने के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सभी मुख्यमंत्रियों के साथ बात कर उनके विचार जान रहे थे. पहली बार गृह मंत्री ने लॉकडाउन के एक और चरण के खत्म होने के पहले मुख्यमंत्रियों से बात कर उनके विचार जाने हैं.
उधर, लॉकडाउन 4.0 समाप्त होने से पहले प्रधानमंत्री कार्यालय पिछले चौंसठ दिनों के लॉकडाउन की पूर्ण समीक्षा करने में व्यस्त है. गृह मंत्रालय (MHA) और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के आधार पर एक जून से अपनाई जाने वाली संबंधित रणनीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है. भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि “पिछले कई दिनों से यहां लगातार समीक्षा की जा रही है लेकिन आखिरकार यह एक राजनीतिक फ़ैसला होगा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कानून को जारी रखना है, या राज्यों को एक जून से अंतिम रूप देना है कि वे किस तरह से आगे बढ़ना चाहते हैं.” उनके अनुसार निर्णय पीएमओ द्वारा राज्य प्रशासन से प्राप्त डाटा और फीड बैक पर आधारित होगा. अधिकारी उस डेटा को स्कैन भी कर रहे हैं जो केंद्र ने स्वतंत्र रूप से एकत्रित किया है.